Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
लिङ्गाष्टकम्
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
Glory to Girija’s consort Shiva, who is compassionate towards the destitute, who normally safeguards the saintly, the moon on whose forehead sheds its stunning lustre, and in whose ears would be the shiv chalisa in hindi pendants on the cobra hood.
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिव चालीसा Shiv chaisa के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।